मत जलाइए दिये, मत करिए
लाइट बंद , बेवकूफ बना रहे है मोदी । हो सकता है ये बड़ा नुकसान ।
क्या आप जानते है ? की प्रधान मंत्री पद पर बैठा यह व्यक्ति जो
हमेशा अपनी गरीबी केसच्चे+ झूठे किस्से सुना कर सहानुभूति बटोरता है । अरे भाई गरीब बेकग्राउंड से तो
कई नेता आए है , लालू से लेकर पासवान और मायावती तक ।
वो तो कभी इतना रोना नहीं रोते , खैर दूसरी बात ,
कौनसा बेटा अपनी माँ
को मिलने के लिए हमेशा केमेरे की टीम ले कर के जाता है ,
अरे आप ही सोचिए अगर
आप कोई सेलिब्रिटी होते या तो आप किसी बड़े पद पर होते तो इतने बिज़ि और तंग आ गए होते
की आप शांति के लिए अगर अपनी माँ के पास जाते
तो वो आपकी पर्सनल चीज़ होती न की आप उसकी पब्लिसिटी करते कौनसा बेटा अपनी 90 + साल की उम्र वाली माँ को नोटबंदी के लिए लाइन मे खड़ा करेगा? क्या आप करेंगे । इसको
तो मोदी इस नज़र से दिखा रहे है की देखो मे
इतना बड़ा प्रधान मंत्री होने के बावजूद मेरी
माँ को अपने पद का कोई फाइदा नही देता , अरे भाई आप जो दिखाना
चाहते हो की मै मंत्री हूँ फिर भी उस पद का दूर उपयोइग नहीं करता वाह यह नज़रिया अपने
थोप दिया जनता पे, लेकिन आप को क्या लगता है, भारत मे सारे बेवकूफ ही भरे है ?
आप ही विचार कीजिये अगर आप प्रधान मंत्री
है और आपकी बूढ़ी माँ कमर से झुकी हुई माँ लाइन मे लगे तो आपके प्रधान मंत्री पद का
कोई फाइदा नहीं जब अप इतने बड़े हस्ती हो कर भी गर अपनी माँ को दर दर की ठोकरे खाने
दे रहे है , अरे आपको तो आपकी और
भारत की सारी माँ ओ के लिए ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए थी की उन्हे बिना तकलीफ के बिना
लाइन मे लगे पैसा मिल जाए । और बजाए उसके आप अपनी खरीदी हुई चेनल को भेज कर उनका वीडियो
बनवा रहे है और सहानुभूति बटोर रहे। जब आप अपने राजनीतिक फाइदे के लिए अपनी माँ तक
को नहीं छोड़ ते उन्हे भी इस गंदी पॉलिटिक्स मे घसीटते है सहानुभूति बटोरने के लिए तो
हम जैसे आलोचको को बोलना पड़ता है । और आपकी मा क्या इस उम्र मे कमाने जाते है ? तो उन्होने 25000 रुपये दान मे दिये
है ? या अपने वृद्ध पेंशन
मेसे दिये है ? खैर इस पर आयेगा एक और आर्टिक्ल ।
इस तरह से बना रहे है मोदी जनता को बेवकूफ
हमने हमारे पहले आर्टिक्ल (कोरोना राजनीति समाज और उसके पीछे अपनी बारी
का इंतज़ार करते हुए लाइन मे लगी नागरिकता) मे लिखा है कैसे मोदीजि
सायकोलोजी का इस्तेमाल कर के बंजामिन फ़्रेंकलिन इफैक्ट का इस्तेमाल कर के ,
हमारे दिमाग के साथ खेल रहे है हमे
घर मे बंद कर के । फिर से दोहरा देते है बेंजामिन फ़्रेंकलिन एक मनोविद थे उन्होने कहा
था की कभी आप किसी से एक बार मदद लेते है या कुछ करने को कहते है , तो संभावना है की दुबारा
वह इंसान आपकी बात मानेगा , इसी तरह एक दिन का कह कर हमे पहले बंद किया
फिर , 21 दिन का लोकडाऊन किया
, फिर कहा थाली ताली
बजाओ , फिर अब कह रहे है की
मोमबत्ती जलाओ कल उठ कर कहेंगे की जो हमारी
आइडियोलॉजी मे नहीं मानते उन्हे मारो काटो क्यूँ की हम वही तो कर रहे है , ओर हमारी भोली जनता
जो मोदी कहते है वही करती है उसकी वजह जाने बिना , क्यूँ ? क्यूँ की बॉलीवूड स्टार
भी तो कर रहे है अरे भाई बॉलीवूड वाले तो है ही नौटंकी वाले, पैसो के लिए कैसे कैसे
सीन कर डालते है तो मोमबत्ती या थाली कोनसी बड़ी बात है ,
जनता से क्यू जलवा रहे हे मोमबत्ती दिये टॉर्च समझिए इस बात को
।
आप जानते ही है नहीं जानते तो
हमारे पिछले आर्टिक्ल NRC का विरोध मे पढ़ लीजिये की मोदीजि एक घिनोनी मानसिकता के शिकार है , वही मानसिकता जो आरएसएस
जैसे इंटरनल आतंकवादी संगठन ने फैलाई है , और मोदीजि भी खुद आरएसएस से ही आते है , जो हिन्दुत्व वादी
जात पात हिन्दू मुसलमान वाली घटिया मानसिकता लोगो मे फैला कर लड़वाने का काम करता है
और इसी मानसिकता के चलते एससी एसटी ओबीसी मुस्लिम माइनोरिटी के लोगो के साथ अन्याय
अत्याचार दलित बेटियो के बलात्कार गाय के नाम पर हत्या मुसलमानो पर अत्याचार हुए है
।
और उसी मानसिकता
से जन्मी जनसंघ फिर भारतीय जनता पार्टी
जो हिन्दुत्व को प्रमोट करती है , और भारत को भारत नहीं
सिर्फ हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती है संविधान को जालना चाहती है ।
उसी भारतीय जनता पार्टी का 6
अप्रैल 1980 को स्थापना दिवस है ।
अगर
यकीन नहीं है तो इंटरनेट पर देख लीजिये
सिर्फ बीजेपी लिख कर और उसके विकिपीडिया के पेज पर आपको जानकारी मिल जाएगी ,
14 अप्रेल को भारत के संविधान के निर्माता डॉक्टर बाबा साहब भीमराव
अंबेडकर का जन्म दिन है , आप जानते है सारी दुनिया इसे बड़े धूमधाम से मनाती है , फिर भी बीजेपी की मनसिकता वालों ने बाबा साहब को सिर्फ
दलितों का नेता बना कर छोड़ दिया और आज भी उनका अपमान कर रही है । सारे भारत के अंबेडकरी
विचारधारा के लोगो ने लोकडाऊन के चलते ये निर्णय लिया था की हम बाहर जा नहीं सकते और
कानून का उलंघन हमे नहीं करना है इसी लिए शांत स्वरूप से 14 अप्रेल को
घर के आँगन मे बालकनी मे खिड़की पर रोशनी कर के बाबासाहब को जन्मदिन पर अभिवादन किया
जाए । लेकिन उंच नीच की दूषित मानसिकता वाले
आरएसएस के बेक ग्राउंड से आने वाले मोदी जी को शायद ये बात हजम ना हुई इसी लिए । मुद्दो
की बात किए बिना आनन फानन मे उन्होने लाइट बंद
करने का आदेश दिया ताकि अंबेडकरी विचारधारा वाले लोग 14 को जयंती
माना न सके ।
वाह मोदी जी वाह ।जर्मनी का प्रधान मंत्री और दूसरे राष्ट्र के प्रधान मंत्री
जब जनता को संबोधित करते है तो वह मुद्दो की बात करते है 14 बिलियन देने की कोरोना
के खिलाफ आपको कैद रख के हमने क्या तैयारी की और आप कब तक बाहर निकाल सकते है वो बात
करते है , और एक हमारे प्रधान मंत्री है जो थाली ताली और मोमबत्ती
की बात करते है । मुद्दो की उन्हे कोई परवाह नहीं , हो भी कैसे साहब विधायक जो खरीदने है।
यह है खतरा मत करिए लाइट बंध
मुद्दो की बात करे अब तो , तकनीकी ज्ञान तो हमारे प्रधान मंत्री को होगा
ही फिर भी उन्होने , यह मोमबत्ती वाला निर्णय लेने के पहले तैयारी कर लेनी चाहिए थी ।
क्यूँ क्यूँ की अब सुनिए हकीकत , क्यूँ की अगर सारे
लोग एक साथ बिजली का उपयोग करना बंद करे तो
हो सकती है हाई वोल्टेज की समस्या ।
क्या है हाई वोल्टेज की
समस्या ?
हाई वोल्टेज की समस्या
यह है , अगर इतनी
बड़े पैमाने पर हम बिजली को बंद करते है तो पवार ग्रिड की समस्या हो सकती है । अपने
पहचान वाले बिजली बाबू से इसकी चर्चा ज़रूर करे , क्यूँ की
जब हम बड़े पैमाने पर बिजली को बंद कर देते है और दुबारा शुरू करते है । तो बिजली का
दबाव बहुत तेज आता है , उससे शॉर्ट की समस्या जैसी हानी बोहोत बड़े
पैमाने पर हो सकती है । अगर ये हानी हो गई तो सारा देश ब्लॅक आउट हो सकता है । अंधेरा
हो सकता है और बिजली की बड़ी समस्या पैदा हो सकती है । और अरबों रूपियों का नुकसान तो
है ही । इस लिए मोदीजि को पहले सोचना चाहिए था और बिजली कंपनियो से बात भी करनी चाहिए
थी ताकि पहले से पैसो के प्रोब्लेम से जुज़ रहे भारत मे फिर से और कोई बड़ी समस्या खड़ी ना हो जाए जिसको हम सेह ना सके ।
अब बिचारी बिजली कंपनिया भी डरी हुई है । करे तो क्या करे ।
मत जलाइए मोमबत्ती
यह मोमबत्ती आपको हमेशा
के अंधकार मे धकेल ने का कारण बन सकती है , क्यूँ की हिन्दुत्व
की मानसिकता वाले मोदीजि ने तो अपने बीजेपी का बर्थड़े सेलिब्रेट करने के लिए आपको बेवकूफ
बना दिया । लेकिन आप अगर जागृत नागरिक है तो सच झूठ को पहचानिए और मोमबत्ती मत जलाइए क्यूँ की 5 रुपये की मोमबत्ती अगर
20 करोड़ लोगो ने भी जलायी
तो 100 करोड़ रूईये जल कर खाक
हो जाएंगे । उसके बजाए 5 के बिस्कुट या दूध या मुरमुरा ले
कर कर किसी गरीब बच्चे को ही खिला दीजिये ताकि उसकी भूख तो मीट सके । और जालनी ही है
मोम बत्ति तो उस गरीब के घर मे जा कर जलाए जहा बिजली ना होने के कारण हमेशा अंधेरा
ही रेहता है ।
यह बरतिए सावधानी
क्यू की सेनेटाइजर और स्पिरिट जैसी चीज़ों मे अलकोहोल की मात्रा
होती है और अलकोहोल जल्दी आग पकड़ लेता है अगर आपके हाथ स्पिरिट या अलकोहोल वाले है
तो आपके हाथ जल सकते है यह शायद मोदीजि ने
आपको बताया हो हमने तो सुना नहीं है
और
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री
नितिन राउत
ने भी कहा है ,
की एक साथ
बिजली बंद ना करने की सलाह दी है ।
तो सोचिए समझिए और बेगानी शादी मे अब्दुल्लाह की तरह दीवाना मत
बनिए क्यू की जन्मदिन बीजेपी का है दिये जालना हिन्दुत्व को प्रमोट करने का सचोट माध्यम
बन चुका है , सोचिए फिर से सोचिए और देश हित की बात करिए
ना की बेवकूफी
जय भारत जय संविधान ,
आर्टिक्ल
बाय डीआई पाटिल......
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