क्या लोकडाउन में
अब रामायण करेगा कोरोना का इलाज ?
दूरदर्शन पर फिर से रामायण का टेलिकास्ट हो रहा है ।ऐसा
लगता हे की अब रामजी ही कोरोना से मुक्ति दिलवा सकते है । है न ? क्यूँ
की बीजेपी ओर तत्कालीन सरकार कर रवैय्या
देख कर तो ऐसा ही लगता है । बार बार गृह मंत्री बोल रहे थे की राम मंदिर बनेगा ओर
वही पर बनेगा
अब तो फैसला भी उनही के हक मे आया है .. इसके बाद जब की हम
घर मे कैद है फिर से रामजी की निकली सवारी क्यू की बीजेपी की लीला है न्यारि, बोहोत
से पत्रकार बोल बोल कर थक गए की न तो मंदिर बने नहीं मज्जित बने एक सरकारी अस्पताल
बने जहा हिन्दू मुसलमान दोनों अपना इलाज करवाए
लेकिन फिर भी हिन्दुत्व जात पात और हिन्दू मुस्लिम कर के अपनी सत्ता की
रोटी सेकने वालों ने फैसला खुद के हक मे लाया ओर फैसला देने वाले को राज्य सभा भेज
भी दिया सब हमारी नजरो के सामने है। पर क्या करे घर से बाहर जा नहीं सकते , घर मे
पैसा रख नहीं सकते , घर मे रखे तो नोट बंदी ओर बैंक मे रखे
तो बैंक बंदी बड़ी ही मज़ाकिया और खतरनाक रास्ते पर जा रही हे भारतमाता,
अभी भी वक्त है जहा राम मंदिर बन रहा है। वह जगह अस्पताल के
लिए मुकर्रर की जाए ताकि आने वाले भविष्य मे जब कोरोना जैसी महामारी आए तो हमारे
देशवासियों को इलाज के लिए उस परेशानी का सामना न करना पड़े जैसी आज हो रही है ।
सवाल ये है की कब तक आप लोगो को यूं ही बंद कर के रखेंगे?
दिसंबर के अंत से ही
कोरोना के आने की खबर जब लग चुकी थी तो क्यू इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया ?
क्यूँ एयरपोर्ट पर ही
बाहर से आने वाले लोगो का मेडिकल चेकअप नहीं किया गया ?
क्यूँ की मोदीजि व्यस्त
थे अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प का स्वागत करने मे ।
क्यूँ की मोदी और
गृहमंत्री व्यसत थे दिल्ली चुनाव हिन्दू मुसलमान मे ।
एनआरसी लागू करने मे इतनी
जल्दी क्यू दिखा रहे थे ?
राजनीति है भाई व्यस्त थे
एक राजकुमार को जो खरीदना था । तैयारी लगती है किसी राजा के बेटे को अपनी पार्टी
मे शामिल करने के लिए।
हमे घर के अंदर रखा और
खुद एम पी मे कमलनाथ की सरकार तोड़ कर खुद की सरकार बना ली ।
जब की होना तो ये चाहिए
था की जब तक हमे घरो के अंदर रखा है । सरकार कोरोना के बारे मे सोचे ओर कदम उठाए
की इस चीज़ से कैसे लड़ा जा सकता हे ॥
क्यू की डबल्यूएचओ विश्व आरोग्य संस्था ने भी यही कहा है । की आइसोलेशन यानि की घर मे बंद रखना कोई
परमेनेंट इलाज नहीं है ।]
मजदूरो को नहीं
प्रवेश करने दे रहे गाव मे,
पुलिस भी कर
रही है परेशान।
क्यूँ की और देशो के
मुक़ाबले भारत मे अभी संक्रमण बहुत कम है गर ये कम्यूनिटी लेवेल पर फ़ेल गया
गाव कस्बो मे अगर फ़ेल गया
बेतहाशा भयानक परिस्थिति हो सकती है। क्यु की जो मजदूर है पलायन कर के जा रहे है
उन्हे उनके ही गाव वाले कोरोना के डरसे गाव मे नहीं आने दे रहे।
और ऐसे मे हमारे पुलिस कर्मी को भी नहीं पता की
खुद की ड्यूटी कैसे करे। वैसे भी भारत की
पुलिस की छवि इस कदर बदनाम है जिसे सुधारना दूर
एसी परिस्थितिमे पुलिस निर्दोष लोगो को मार पीट कर अपना बल दिखा रही है।
पुलिस
कर्मी को ये सोचना चाहिए की इन मजदूर लोगो के पास जो खुद का गाव शहर राज्य छोड़ कर
दूसरे राज्य मे मजदूरी करने बिल्डिंगस का
सफाई का बोझा उठाने का कम करने बड़े शहरोमे आए है जिनके पास यहा घर नहीं वो कहा
जाएँगे ?
यातायात के साधन ट्रेन बस सब बंद है एसे मे 200
किमी पैदल चल कर भी लोग रोते बिलगते अपने गाव पोहोच रहे हे । अंदर जाने को जगह
नहीं है । और बाहर पुलिस बेतहाशा जानवरो की तरह इन मजदूरो पर अपनी वर्दी का रोफ
जमा रही है । होना तो ये चाहिए था की या अब भी हो सकता है । की पुलिस इन गाव वालो
और वापिस जाने वाले मजदूरो के बीच दीवार बन क खड़ी हो सरकार इनके जाने का या रहने
का खाने पीने का बंदोबस्त करे । सभी का मेडिकल चेकउप हो,जो संक्रमित है उन्हे हॉस्पिटल
भेजा जाए और जो स्वस्थ है उन्हे जाने के लिए सरकारी यातायात दी जाए क्यु की इन्ही
के भरोसे ही तो हमारी चकचोंध सी दिखने वाली रहिसि झलकाने वाली बिल्डिंग्स बनती है
। और उनमे साफसफ़ाई भी रहती है ।
मीडिया को धन्यवाद
ये सारी चिजे टीवी मीडिया ने सोशियल मीडिया ने दिखाई, ओर प्रेशर बना जिसके चलते अब पुलिस अपनी हरकतों से बाज़ है । और इसदौर मे
आम पब्लिक ओर मीडिया ने यह काम किया उसकी हम सराहना करते है ।
क्यु की जब तक आप लोगो को
जो की घरो के अंदर है उन्हे जरूरी चिजे सप्लाइ नहीं करते।
उन्हे इडेंटिफ़ाय नहीं
करते। उन्हे अस्पताल मे भर्ती नहीं करते तो इस संक्रमण को रोक पाना नामुमकिन हो
सकता है ।
अब भी देर नहीं हुई है । 14 तारीख तक जब तक हम
घर के अंदर है । सरकार को कोरोना से लड़ने के खिलाफ पुख्ता कदम उठाने चाहिए । क्यूँ
की दूसरे देशो के मुक़ाबले अभी भी भारत मे कोरोना संक्रमण और मृत्युदर कम है। अब भी
हमारे पास वक्त है। क्यु की हम हेल्थ
सैक्टर मे सबसे बोहोत पीछे है 100वे स्थान पर है।
CMM के मंच से हम सरकारसे
अपील करते है की जिनती भी पंचायते है । सरकारी स्कूल है । प्राइवेट स्कुल, नगर पालिका के दफ्तर है
जीतने भी सरकारी भवन है मकान है उन्हे एक टेम्पररी हॉस्पिटल बनाया जाए.
क्युकी
लाखो की तादाद मे मजदूर पलायन कर् रहे है। और पार्टिशन के वक्त सेभी ज़्यादा तादाद
मे
लाखो की संख्या मे लोग पलायन कर रहे है
। और ये सारे लोग गरीब है बिलकुल गरीब है ।
बिना तैयारी के लोकड़ाउन हुआ लोगो को तैयारी का मोका तक
नहीं मिला ।
दक्षिण अफ्रीका जैसे देश ने भी लोकडाउन से पहले तैयारी
की लेकिन भारत ने नही।
भारतमे
नोट बंदी हो या देशबंदी आम आदमी के लिए एक झटके से ज़्यादा कुछ नहीं ।
डीयर सरकार लोकडाउन
कोई समाधान नहीं है । आपको तैयारी करने का मौका दिया गया है। तो तैयारी कीजिये ।
सुनिए सरकर जी ये समय आपको
मजबूरी मे मिला है । क्यु के आप ने
पहले व्यवस्था नहीं की थी
। आप तो सरकार तोड़ने मे बिज़ि थे तो अब जब यह समय जनता ने आपको दिया है उसका सद
उपयोग कीजिये , विदेश से आने जाने
वाली फ्लाइट को अपने रोका नहीं था
जब कोरोना का संक्रमण थोड़ा ज्यादा फैला तब अप जागे । ठीक है लेकिन
अब हमे इस टाइम हमारे देश मे ज़रूरत है की जो लोग अभी परेशान है । जिनको लगता है की
ये बीमारी है तो इस संक्रमण को फैलने से रोका जाए ॥ और जो सप्लाई है खाने पीने की
जो नहीं मिल पा रही है और मिल रही है तो 4 गुने दाम पर मिल रही हे ॥ तो जो कहा गया था प्रधानमंत्री के द्वारा की आपको
सप्लाइ मिलेगी खाने पीने की जरूरी समान की । तो लोगो को दुकानों तक भी नहीं जाने
दिया जाता पुलिस की परेशानी है
उन्हे ये तक नहीं पता की
कौनसी दुकान खुली रखनी चाहिए ओर कोनसी बंद वाह रे भारत की पुलिस
तो सरकार को यहा वैसी
तयारी करनी चाहिए लोकडाउन के दौरान ,, जो
तैयारी पहले नही कर पाई तो अब कर ले जैसी चाइना ने की थी अपने वुहान शहर मे ।
आप रामायण चला ले महाभारत चला ले ठीक है
हम भी अपील करते है की लोगो को घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए , लेकिन कब तक अप लोगो को यूं बंद रखेंगे ? लेकिन तब
तक जब तक लोक डाउन है आप सप्लाइ पर ध्यान दे ,सरकारी अस्पताल
बनाए या तो जो भी सरकारी मकान है उनमे सुविधा दे प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे
डोकटरों की मदद ले और जो तैयारी अपने नहीं की आपकी गलती को सुधारे और भारत को इस
वैश्विक महामारी से बचाए ।
कोरोना के इलाज के
बजाय क्यू 870 करोड़ मे मोदीजी
बंदूक खरीद रहे है?
कोरोना से बचने के लिए
जहा वेंटीलेटर खरीदने चाहिए उस जगह 870
करोड़ बंदूक खरीदने मे क्यूँ ?
आखिर इस समय कोनसा देश
युद्ध करेगा ? आखिर मोदीजि को किसका
डर है? जब लोगो की जान बचाने का समान खरीदना चाहिए उस वक्त गोली मारने का समान क्यु ? क्या अपने
ही देश वासियो को मारेगी सरकार ? देंगे सारी जानकारी पिछले
आर्टिक्ल की CAA NRC एनपीआर और जनेगे
इस बंदूक की कहानी ॥ पढ़ते रहिए CMM……..D.I.PATIL
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